धर्मसिंह मुनि की कथा
आराधना-कथा-कोश के आधार पर धर्मसिंह मुनि की कथा इस प्रकार के देवों द्वारा जो पूजा-स्तुति किये जाते हैं और ज्ञान के समुद्र हैं, उन जिनेन्द्र भगवान् को नमस्कार कर धर्मसिंह मुनि की कथा लिखी जाती है। दक्षिण देश के कौशलगिर नगर के राजा वीर सेन की रानी वीरमती के दो सन्तान थी। एक पुत्र था और एक कन्या थी। पुत्र का नाम चन्द्रभूति और कन्या का चन्द्रश्री था। चन्द्रश्री बड़ी सुन्दर थी। उसकी सुन्दरता देखते ही बनती थी। कौशल देश और कौशल ही शहर के राजा धर्मसिंह के साथ चन्द्रश्री की शादी हुई थी। दोनों दम्पत्ति सुख से रहते थे। नाना प्रकार की भोगोपभोग वस्तुएँ सदा उनके लिये मौजूद रहती थी। इतना होने पर भी राजा का धर्म पर पूर्ण विश्वास था, अगाध श्रद्धा थी। वे सदा दान, पूजा, व्रतादि धर्म कार्य करते थे। एक दिन धर्मसिंह तपस्वी दमधर मुनि के दर्शनार्थ गये। उनकी भक्ति से पूजा-स्तुति कर उन्होंने उनसे धर्म का पवित्र उपदेश सुना, जो धर्म देवों द्वारा भी बड़ी भक्ति के साथ पूजित माना जाता है। धर्मोपदेश का धर्मसिंह के चित पर बड़ा गहरा असर पड़ा। उससे वे संसार और विषय भोगों से विरक्त हो गये। उनकी रानी चन्द्रश्री को उनके जवा...