मुनि श्री 108 विशोक सागर जी महाराज के 20 अक्टूबर, 2022 के प्रवचन का सारांश
मुनि श्री 108 विशोक सागर जी महाराज के 20 अक्टूबर, 2022 के प्रवचन का सारांश ( परम पूज्य उपाध्याय श्री विशोकसागर महाराज की लेखनी से ) आज दया व करुणा की मूर्ति परम पूज्य मुनि श्री विशोक सागर जी महाराज ने हिसार के ‘मोक्ष आश्रम’ के वृद्धजनों के बीच जाकर उनका हाल पूछा और उन्हें सम्बोधित करते हुए उनके खुशहाल जीवन की भावना भाई। मुनि श्री ने कहा - प्यारे बंधुओं! यह हमारा भ्रम है कि दुनिया में हमें कोई ग़रीब दिखाई देता है और कोई अनाथ। इस दुनिया में कोई ग़रीब नहीं है। आध्यात्म-दृष्टि से सभी परम शक्ति सम्पन्न हैं। किसी को बेचारा मत कहो। यह तो परमात्मा का अपमान है। ऋषभनाथ, पार्श्वनाथ, रघुनाथ के देश में कोई अनाथ नहीं हो सकता। हर मनुष्य अपनी जीवंत चेतना का सम्राट है पर वह आत्म-सत्ता को भूल गया है। महानुभावों! जो दया व करुणा की अमृतधारा मन के अंदर से स्रावित होती है, वह संसार की रुक्षता को दूर कर सकती है; पर वह आज कहीं दिखाई नहीं देती। व्यक्ति, परिवार, संघ, समाज, देश और सृष्टि के बीच सारे संबंध बिखराव की दिशा में जा रहे हैं। परिवार में निरंतर तेजी से बढ़ती हुई विपरीतता एवं विषमता जीवन को ढंग से नहीं जीने...