सत्यमेव जयते
सत्यमेव जयते यदि आप सत्य बोलते हैं, तो शत्रु भी आपका विश्वास करेगा तथा आपका हितैषी बन जाएगा। राजपूतों के किले पर पड़ोसी राजा ने हमला बोल दिया। उसका सैन्य बल बहुत ज्यादा था, अतः राजपूत की सेना का सेनापति रघुपति सिंह किले के गुप्त दरवाजे से भाग गया। आक्रामक राजा को मालूम हुआ कि किले से सेनापति रघुपति सिंह भाग गया है, तो उसने उसे पकड़ कर लाने के लिए बहुत बड़े ईनाम की घोषणा की। रघुपति सिंह एक गाँव में छिपकर रह रहा था। उसे पकड़ने के लिए सैनिकों ने घेराबंदी की। तभी सेनापति को पता चला कि उसका पुत्र मृत्यु शैया पर पड़ा है तथा उसे याद कर रहा है। रघुपति सिंह पुत्र के पास पहुंचने का दृढ़ निश्चय कर घेरा डालने वाले सरदार के पास जाकर बोला - आप मुझे पकड़ने आए हो न! मेरी एक प्रार्थना है। मेरा लड़का बहुत बीमार है। मुझे किले में जाकर उसे देख आने की इजाजत दे दीजिए। मैं वापस किले के बाहर आऊंगा, तब आप मुझे गिरफ्तार कर अपना ईनाम ले लीजिएगा। इस पर सरदार बोला - यदि आप किले से बाहर न आए, तो मेरी सारी मेहनत मिट्टी में मिल जाएगी। रघुपति सिंह बोला - मैं सच्चा राजपूत हूँ। सच्चा राजपूत कभी झूठ नहीं बोलता। सरदार ने उसे जाने...