श्री मल्लिनाथ छोटा मंदिर जी, गांधी चौक, हिसार में भक्तामर विधान का आयोजन
श्री मल्लिनाथ छोटा मंदिर जी, गांधी चौक, हिसार में भक्तामर विधान का आयोजन
मुनि श्री विशोक सागर जी महाराज के 23 अगस्त, 2022 के प्रवचन का सारांश
(परम पूज्य उपाध्याय श्री विशोकसागर महाराज की लेखनी से)
श्री मल्लिनाथ छोटा मंदिर जी, गांधी चौक, हिसार में 23 अगस्त, 2022 को भक्तामर विधान का आयोजन बहुत धूमधाम से किया गया, जिसमें अनेक श्रद्धालुओं ने पुण्य-लाभ लिया। महाराज श्री ने अपने प्रवचन में बताया कि यह जीव अनादिकाल से मिथ्यात्व से ग्रसित है और यही कारण है कि वह संसार में 84 लाख योनियों में भटक रहा है। यदि हमने एक बार भी सम्यक्त्व को धारण कर लिया, एक बार भी हमारी सच्ची आस्था व श्रद्धा जाग गई, तो हमारा मोक्ष मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।
मुख्य रूप से तीन योग होते हैं - मनोयोग, वचनयोग व काय योग। उनसे हम मिथ्यात्व के मार्ग पर भी भटक सकते हैं और मोक्ष की राह पर भी चल सकते हैं। चाहे तो हम उन्हें अशुभ उपयोग में लगा लें, चाहे शुभ उपयोग में लगा लें और चाहे शुद्ध उपयोग में लगा लें।
तत्त्वार्थ सूत्र के नौवें अध्याय के दूसरे सूत्र में आचार्य उमास्वामी ने बताया है कि सबसे पहले गुप्ति को धारण करें और कछुए के समान अपनी मनोगुप्ति, वचनगुप्ति व कायगुप्ति का पालन करो। अपनी मति को सम्यक् रूप से समिति में लगाएं। वस्तु के वास्तविक धर्म या स्वरूप को पहचानें। अशुभ न देखें, न सोचें, ध्यान के माध्यम से शुभ अनुप्रेक्षा करें। परिषहों को समता भाव से जय करें। पाँच प्रकार के चारित्र का पालन करें। तप के माध्यम से कर्मों की निर्जरा करें, तभी हम मोक्ष को प्राप्त कर सकेंगे।
हम सबसे पहले तो कुछ जानते नहीं, जानते हैं तो मानते नहीं और मानते हैं तो पालते नहीं। ऐसे मिथ्यात्व के मार्ग से अपनी दिशा को बदलो और दशा को सुधारो। ग़लती होने पर अपनी आलोचना करो, प्रायश्चित करो और प्रतिक्रमण करो, तभी हमारा कल्याण हो सकता है और हम कर्मों से मुक्त होकर सिद्ध अवस्था को प्राप्त कर सकते हैं।
।। ओऽम् श्री महावीराय नमः ।।
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सरिता जैन
सेवानिवृत्त हिन्दी प्राध्यापिका
हिसार
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