उत्तम क्षमापना दिवस
उत्तम क्षमापना दिवस
दसलक्षण पर्व व चातुर्मास की समाप्ति पर इस पुनीत क्षमापना दिवस के अवसर पर हम परिवार सहित आप सभी से ह्रदय की गहराइयों से क्षमा मांगते हैं।
प्रथम क्षमा - प्रभु से,
जिनकी हम विधिवत अर्चना नही कर पा रहे हैं।
द्वितीय क्षमा - गुरु से,
जिनके प्रत्यक्ष दर्शन, वंदन वैय्यावृत्ति आदि नहीं कर पा रहे हैं।
तृतीय क्षमा - जिनवाणी मां से,
जिनकी बताये गए मार्ग पर हम दृढ़ता पूर्वक चल नहीं रहे हैं।
चतुर्थ क्षमा - प्रकृति से, बेजुबान जीवों से,
जिनके प्रति हम सदैव गैर जिम्मेदार बने रहते हैं।
पांचवी क्षमा - समाज से,
जिनके बनाये गये नियमों की हम अवहेलना करते रहते हैं।
छठवीं क्षमा -
देश से, जिसके प्रति हम अपने कर्त्तव्यों से अनजान बने रहते हैं।
सातवीं क्षमा - अपने से बडों के प्रति,
जिनकी बातों को हम अनसुना करते हैं।
आठवीं क्षमा - अपने से छोटे से,
जिनको हम कमतर आंक कर उपेक्षा करते रहते हैं।
नवमी क्षमा - अपने सभी रिश्तेदारों से,
जिनका आदर-अनादर हम चेहरे देख कर करते हैं।
दसवीं क्षमा - अपने उन सभी मित्रों से,
जिनकी अच्छी बातें भी हमें बुरी लगती हैं।
हम पूर्णतः प्रयास करेंगे कि उपर जिन-जिन से क्षमा मांगी गई है, उनके प्रति हम संवेदनशील बनें और हमारी गलतियों का प्रतिशत दिन प्रतिदिन, वर्ष दर वर्ष कम होता जाये। यही हमारी सबके प्रति सच्ची क्षमा होगी।
।। ओऽम् श्री महावीराय नमः ।।
सरिता जैन
सेवानिवृत्त हिन्दी प्राध्यापिका
हिसार
🙏🙏🙏
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